रमजान के पवित्र महीने के बाद सोमवार को देशभर में ईद उल फ़ित्र का त्योहार मनाया गया। सुबह से ही मस्जिदों में नमाजियों की भीड़ उमड़ी। देश भर में ईदगाहों सहित मस्जिदों में मुस्लिम समाजजनों ने एक साथ नमाज अदा की और एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी।
ईद के मोके पर रतलाम शहर में भी ईद उल फ़ित्र की नमाज रतलाम के उकाला रोड स्तिथ नई ईदगाह और लक्कड़पीठा स्तिथ पुरानी ईदगाह सहित शहर की कई मस्जिदों में अदा की गई। शहर के लक्कड़पीठा क्षेत्र स्थित पुरानी ईदगाह पर शहर क़ाज़ी मौलवी सय्यद अहमद अली ने ईद की नमाज़ और ख़ुदबा शांतिपूर्ण तरीके से अदा करवाया और ख़ुदबे के बाद रतलाम शहर सहित प्रदेश और देश में भाईचारे, अमन और ख़ुशहाली की दुआ के साथ युवाओ को सही रस्ते पर चलने और देश की तरक्की में योगदान की दुआ भी की।
पुरानी ईदगाह तक शहर शहर क़ाज़ी मौलवी सय्यद अहमद अली शानो शौकत और पुलिस की सुरक्षा के इंतजाम के साथ पहुंचे और नमाज पढ़ाई। वहीं दूसरी ओर नई ईदगाह में मरकज मस्जिद के मौलवी शोएब द्वारा नमाज अदा करवाई गई।

शहर क़ाज़ी को मुबारकबाद देते हुए
नमाज़ और दुआ के बाद लोगों ने आपस में गले लग कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी। पूरानी ईदगाह के बहार ही मौजूद जिला प्रशासन के अधिकारियों, पुलिस प्रशासन के अधिकारियो, महापौर प्रह्लाद पटेल, कांग्रेस नेता द्वारा शहर काज़ी को माला पहनाकर ईद की मुबारकबाद दी गई। वहीं स्वस्थ अधिकारी एपी सिंह नेतृत्व में अच्छी सफाई व्यवस्था करने पर कर्मचारियों का भी मौके पर सम्मान किया। दोनों ही ईदगाह पर कड़ी सुरक्षा की गई थी।

दोनों ईदगहो के साथ ही सभी मस्जिदों में नमाज के बाद देश में अमन चैन, समाज में एकता और भाईचारे की दुआ मांगी गई। वहीं इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद साहब की सुन्नतों पर चलते रहने की दुआ भी मांगी।

नमाज के बाद शहर काज़ी अहमद अली ने 100 साल से अधिक पुराने बाप दादाओं के रिवाज के अनुसार ईदगाह के नजदीक ही मौजूद हिन्दू परिवार के डॉक्टर के यहां केसर युक्त दूध भी पिया।
ईद का त्योहार भाईचारे और प्रेम का प्रतीक है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर मिलते हैं। मीठी सेवइयां और अन्य व्यंजन खाते हैं। बच्चों को ईदी के रूप में उपहार और पैसे दिए जाते हैं। यह त्योहार समाज में एकता और सद्भाव का संदेश देता है।