महज़ शख़्स नहीं शख़्सियत है आई.पी.एस. राहुल कुमार लोढ़ा

जी हां, एक आम इंजिनीरिंग स्टूडेंट्स से आई पी एस बने राहुल कुमार लोढ़ा आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है और गूगल पर ट्रेंडिंग भी है। रतलाम शहर ही नहीं, न ही सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पुरे देश में आज-कल  उनकी ईमानदारी और देश सेवा के चर्चे सुर्खियों में बने हुए है। मामला कुछ यूं हुआ कि बीते शनिवार गणपति स्थापना चल समारोह पर पत्थर फेकने की अफवाह रतलाम शहर में आग की तरह फैली और देखते ही देखते शांति का टापू कहा जाने वाला रतलाम अशांत हो गया। तथाकथित पथरबाज़ी की गम्भीरता को देखते हुए और शहर में दंगे की स्थिति  निर्मित न हो इसको तुरंत रोकने के लिए ईमानदार आईपीएस अफसर राहुल कुमार लोढ़ा ने खुद मोर्चा संभाला और घटना स्थल पर जमा भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया।

रतलाम शहर के मुस्लिम बाहुल्य मोचीपुरा क्षेत्र में गणेश प्रतिमा पर हुई पथरबाज़ी की अफवाह पर हिन्दू संगठनो के प्रदर्शन और दबाव के बाद फरयादी की एफ.आई.आर तो लिखी गई लेकिन  हिंसा करने के इरादे से दोबारा मेहंदीकुई से हाथखाना की और भीड़ घुसी और मोचीपुरा चौराहे पर पहुंच कर आपत्तिजनक नारेबाजी करने लगी। इसी पर पूर्व पुलिस कप्तान ने खुद मोर्चा संभल स्तिथि को नियंत्रण में लिया और एक बड़ा हादसा और हादसे के बाद दंगे की सम्भावना को वही ख़त्म कर दिया जिसके सम्बन्ध में विस्तार से द न्यूज़ बिन अपने पिछले संस्करण में खबर प्रकाशित कर चूका है।

यूं तो यह पुलिस द्वारा की गई आम सी कारवाही दिखाई पड़ती है लेकिन जैसे ही इसकी सुचना रतलाम के वरिष्ठ नेताओ और हिन्दू संगठनो के पदाधिकारियो को लगती है तब यह मामला रतलाम तक न रह कर सीधा भोपाल मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंच गया। एक अफवाह अब हकीकत का रूप लेने वाली थी।

इसी घटना को सच साबित करने और पूर्व पुलिस कप्तान आई.पी.एस. राहुल कुमार लोढ़ा की कारवाही को एकतरफा बताते हुए भाजपा और संघ का एक सयुक्त प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर कार्यालय ज्ञापन देने पंहुचा। हालाकि कलेक्टर राजेश बाथम  पहले ही अपने निर्धारित समय से ऑफिस से जा चुके थे। चुकी मामला सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़ चूका था और भाजपा-संघ के सयुक्त प्रतिनिधि मंडल के उनसे मिलने के सम्बन्ध में सूचना कलेक्टर बाथम को मिली तो वह दोबारा देर शाम अपने दफ्तर पहुंचे। जब इसकी सूचना मीडिया को मिली तो रतलाम का समस्त सक्रिय मीडिया कलेक्टर कार्यालय पंहुचा। ज्ञापन का फोटो करवाने के बाद भाजपा जिला अध्यक्ष ने चर्चा करने के बहाने मीडिया को केबिन से बाहर का रास्ता दिखा दिया।

सुनने पढ़ने में यह आम सी घटना प्रतीत होती है लेकिन यह घटना भाजपा-संघ के इस मुद्दे पर मुखर होने पर आम नहीं रह गई। अभी 5 घंटे भी नहीं बीते थे की नाटकीय तौर पर रतलाम पुलिस कप्तान आई.पी.एस. राहुल कुमार लोढ़ा के ट्रांसफर के आदेश सीधे मुख्यमंत्री के दफ्तर से जारी हो गए और उन्हें भोपाल जी.आर.पी.एफ. एसपी नियुक्त कर दिया गया।

रतलाम का मुद्दा बना देश भर में सुर्खी

फिर क्या था यह खबर जैसे ही विपक्ष याने कांग्रेस को लगी तो भोपाल से लेकर दिल्ली तक की सियासत गरमा गई और गर्माती भी क्यों नहीं रतलाम में तथाकथित गणेश प्रतिमा पर पथरबाज़ी की खबर पुरे राष्ट्रीय मीडिया में जो उछाल रही थी। रतलाम एसपी राहुल कुमार लोढ़ा की कारवाही को सही ठहराते हुए उनके समर्थन में कांग्रेस के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान प्रताबगड़ी से लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह, विधायक आरिफ मसूद सहित एमआईएम के राष्ट्रीय प्रवक्ता एडवोकेट वारिस पठान  तक ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।   

इमरान प्रतापगढ़ी

इमरान प्रतापगढ़ी ने क्स पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए पोस्ट कर लिखा “मध्यप्रदेश में सत्ता प्रायोजित दंगे की साज़िश को रोकने वाले जाबाज़ पुलिस अधिकारी पुरस्कृत नहीं बल्कि दण्डित किये जाते हैं, रतलाम इसका सटीक उद्धरण है। @DrMohanYadaav51 जी क्या यही आपकी शासन प्रणाली है?” दूसरी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भाजपा शासित सरकार सहित प्रदेश के DGP तक को आड़े हाथो लेते हुए फेसबुक पर पोस्ट की।

विधायक आरिफ मसूद ने इस मुद्दे को आगे ले जाने की बात कही वही एमआईएम के वारिस पठान ने क़ानूनी लड़ाई का सहारा लेने को कहा। इन तमाम टिप्पणियों पर बुधवार तड़के रतलाम पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा ने पलटवार में दिग्विजयसिंह के रतलाम की घटना पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि “क्या दिग्विजयसिंह रतलाम की उस घटना पर गणेश उत्सव के दौरान तथाकथित कुछ विधर्मियो (मुस्लिमो) द्वारा किये गए पथराव को अच्छा मानते है? जिन लोगो ने पथराव किया उनका समर्थन करते है? दिग्विजयसिंह की आदत है कि तुष्टिकरण की राजनीती में विधर्मियो के साथ खड़े हो कर चर्चा में बने रहना उनका यही काम है।”  

दिग्विजय सिंह द्वारा फेसबुक पर की गई पोस्ट

खिलाफ होते है तो होने दोजान थोड़ी है

तमाम राजनैतिक गहमगहमी के बिच रतलाम पुलिस कप्तान ने नवागत एसपी अमित कुमार को सोमवार 12.30 बजे चार्ज सौंपा और गुरुवार सुबह भोपाल अपने नए कार्यालय का चार्ज लेने के लिए रवाना हो गए। लेकिन उन्हें क्या पता था भोपाल में    बजरंग दल  उनके विरोध में खड़ा है। संघ ने सीधे राहुल कुमार लोढ़ा की बर्खास्ती को लेकर उग्र प्रदर्शन किया उनके खिलाफ खूब नारेबाजी भी की। बजरंग दल  के कार्यकर्त्ता अड़े हुए थे की उन्हें बर्खास्त किया जाये और जीआरपीएफ के नए एस पी का चार्ज न सौंपा जाये।

जातेजाते क्या  कहा  रतलाम पुलिस कप्तान ने

“मैंने जो किया वो जनहित में था , मेरा कर्तव्य हैं कि शहर में शांति स्थापित रहे। मैंने अपने कर्तव्य का ईमानदारी से निर्वाह किया। मैं संतुष्ट हुं कि मेरे निर्णय से रतलाम में आज शांति हैं। मेरे लिए वर्ग विशेष नही बल्कि देश और देश के नागरिक पहले हैं, मेरे लिए सब बराबर हैं।”
राहुल कुमार लोढ़ा, पूर्व पुलिस अधीक्षक, रतलाम

राहुल कुमार लोढ़ा, पूर्व पुलिस अधीक्षक, रतलाम

एसपी राहुल कुमार लोढ़ा के पसंदीदा केस

राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया कि जब वे भोपाल उत्तर में एसपी थे। तब एक बड़े दिलचस्प केस उन्होंने सुलझाया था। केस ऐसा था जिसमे ट्रक चोरी के मामले की पड़ताल करते हुए एसपी राहुल कुमार लोढ़ा  34 हत्याओं के खुलासे तक पहुंचे थे।  इसमें सनकी सीरियल किलर आदेश खामरा ट्रक ड्राइवरों से दोस्ती कर उन्हें खिलाता पिलाता और फिर उनकी हत्या कर ट्रक चोरी   करता था। यह मामला 7-8 महीने में सुलझा था। पिछले 10 सालों में इस सनकी सीरियल किलर ने 34 हत्याओं को अंजाम दिया था।

सिरफिरे युवक ने किडनैपिंग कर पुलिस को किया था छह घंटे परेशान

दूसरा मामला मिसरोद इलाके के फॉर्च्यून डिवाइन सिटी का था। जहां एक सिरफिरे युवक ने फ्राइडे नाइट डॉक्यूमेंट्री फिल्म की तर्ज पर रिटायर्ड एजीएम की बेटी को मल्टी के 5वे फ्लोर पर बंधक बना लिया था। इसमें सिरफिरे आरोपी ने 6 घंटे तक युवती को अपने पास रखा। उसकी मांग थी कि वह उससे शादी करना चाहता है। हालाकि ये एक तरफा प्यार था। पुलिस की खूब मशक्कत के बाद भी वह हाथ नही आ रहा था। उसने युवती पर चाकुओं से कुछ वार भी किए थे। काफी परेशान होने के बाद एसपी राहुल कुमार लोढ़ा की सूझ बूझ से मौके पर एक हाइड्रोलिक क्रेन मंगाई गई जिसमे एसपी, एएसपी, एडीएम चढ़ कर मल्टी के पांचवे माले की खिड़की पर पहुंचे। जिसमे एसपी राहुल कुमार ने किडनैपर युवक से बात कर कहा कि तुम कानून को अपने हाथ में मत लो मैं तुम्हारी शादी करवाऊंगा। देखो तुम्हारी शादी के लिए मजिस्ट्रेट भी साथ लाया हु। इसके 15 मिनट बाद युवक नेसजधज कर  दरवाजा खोला। एसपी ने बताया कि जैसे ही वह थाने पहुंचा तो शादी का भूत उतर गया।

एस पी राहुल कुमार लोढ़ा ने रतलाम में किए थे कई अहम ख़ुलासे

  • 2 अगस्त को तत्कालीन एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने बतौर रतलाम एसपी ज्वाइनिंग ली थी।
  • 11 अगस्त को सोशल मीडिया पर अलग-अलग समाज के लोगों द्वारा आपत्तिजनक पोस्ट करने को लेकर तत्कालीन एसपी राहुल कुमार ने वीडियो जारी कर चेताया था। 
  • 11 अगस्त को ही स्टेशन रोड थाना अंतर्गत जूते में ले जा रहे डेढ़ लाख की ब्राउन शुगर के आरोपी का किया था खुलासा
  • 24 अगस्त 2023 को ट्रेडिंग एप एमटीएपी और क्यू टी एफ ई के विरुद्ध एसपी लोढ़ा ने जारी की थी एडवाइजरी
  • 20 सितंबर 2023 को पंचेड गांव में हुए आबिद हत्याकांड का एसपी ने किया था खुलासा अपहरण की साजिश में हुआ था हत्याकांड।
  • 25 सितंबर 2023 को एमटीएफटी मामले में एसपी ने फ्रीज करवाए थे 39 लख रुपए, कुछ आरोपियों की हुई थी गिरफ्तारी
  • 30 अक्टूबर को बिलपांक थाना के अंतर्गत एसपी राहुल कुमार के नेतृत्व में एक करोड रुपए की 1100 अवैध शराब की पेटियों से भरा कंटेनर पकड़ा था।
  • 11 दिसंबर को नामली के 8 लेन के पास नाले में मिली कार में मिले डोडाचूरा का किया था खुलासा।
  • 11 दिसंबर को लिए जावरा के अंतर्गत 115 किलो डोडा चूरा जप्त  कर किया था आरोपियों का एसपी राहुल ने खुलासा।
  • 19 दिसंबर को जावरा आईए  थाने से गिरफ्तार हुए  नशे के सौदागर का किया था खुलासा, 20 लाख रुपए का सामान हुआ था जप्त।
  • 24 दिसंबर को नामली थाना के रघुनाथगढ़ में 66 वर्षीय बुजुर्ग महिला की हत्या कर उसे जलाने के मामले का किया था खुलासा।
  • 28 दिसंबर को रतलाम के धराड़ में बांछड़ा गैंग को गिरफ्तार कर किया था  जिसमें गैंग सूने मकान को बनाते  थे निशाना।
  • 9 जनवरी को रतलाम में 63 वर्षीय रिटायर्ड निगम के इंजीनियर के 11 वर्षीय बालिका के साथ अश्लील हरकत करने के आरोप में एसपी के निर्देश पर हुआ था आरोपी गिरफ्तार।
  • 16 जनवरी 2024 को सैलाना में बीते महीनों हुई 4 चोरियों का एसपी राहुल कुमार के निर्देश पर पुलिस ने किया था खुलासा, मंदिर में चांदी का मुकुट, दानपात्र से चिल्लर और एक सुनार के शोकेस से चांदी के कड़े ले उड़े थे।
  • 2 फरवरी 2024 को ₹15000 हर महीने खाते में आने का लालच देकर खाता खुलवाने वाले आरोपियों का किया था खुलासा, 5 करोड रुपए के मिले थे ट्रांजैक्शन।
  • 8 फरवरी 2024 को बाजना थाना क्षेत्र में अंधे कत्ल का किया था खुलासा  जिसमें जमीन को लेकर दो चाचा और चचेरे भाई ने उतारा था मौत के घाट।
  • 14 फरवरी को रतलाम के पास इमलीपाड़ा ग्राम में मिले शादीशुदा महिला के शव का किया था एसपी राहुल ने खुलासा।
  • 14 फरवरी को डीडी नगर थाने के कनेरी नाका के पास पत्नी और उसके प्रेमी को पति के द्वारा किए अपहरण के मामले का भी एसपी ने किया था खुलासा, मामले में 9 लोगों को बनाया था आरोपी।
  • 4 मार्च को डीडी नगर थाना अंतर्गत 70 वर्षी बुजुर्ग महिला की हत्या का किया था खुलासा, मामले में मृतक बुजुर्ग की बहु के दूसरे पति ने खुन्नस में उतारा था मौत के घाट।
  • 26 मार्च को नामली थाना अंतर्गत हुए दोहरे हत्याकांड का एसपी ने किया था खुलासा, आरोपी हत्या कर उसे दुर्घटना का रूप दे रहे थे।
  • 29 मार्च को बाछड़ा समाज के एक पिता जबरदस्ती अपनी शादीशुदा बेटी से करवाना चाहता था वेश्यावृत्ति, महिला की  गुहार पर एसपी ने लिया था एक्शन।
  • 10 अप्रैल को 80 फीट रोड स्थित इंग्लिश कोचिंग टीचर महिलाओं से दोस्ती कर बनाता था अश्लिष वीडियो, लैपटॉप में मिली थी 450 अश्लील वीडियो, एसपी ने किया था खुलासा।
  • 11 अप्रैल को आर्मी के सिपाही द्वारा खाचरोद निवासी महिला के अवैध संबंध के चलते हुए कत्ल का किया था खुलासा।
  • 25 अप्रैल को बिलपांक  टोल पर नन द्वारा अवैध वसूली के अपराध में मामला दर्ज कर पहुंचा था जेल।
  • 8 मई 2024 को  रावटी के हरथली  ग्राम में हुए अंधे कत्ल का किया था खुलासा जिसमें मृतक के छोटे भाई और उसकी पत्नी ने मिलकर बड़े भाई को उतारा था मौत के घाट।
  • 3 जून 2024 को झाबुआ के पेटलावद के पास करवड़ चौकी के अंतर्गत माही नदी में मिली अज्ञात महिला के शव का किया था खुलासा।
  • 8 जून को रतलाम के जावरा में हुई 15 चोरियों का किया था खुलासा आरोपियों ने जेल से की थी प्लानिंग।
  • 13 जून 2024 को रतलाम के लक्ष्मी नगर में रह रहे किराएदार सोहेल ने बुजुर्ग मकान मालिक के घर कैंसर के इलाज के लिए रखे पैसे और ज्वेलरी चोरी का एसपी ने किया था खुलासा।
  • 25 जून 2024 को रावटी थाना क्षेत्र में माही नदी में हाथ पैर बंधे मिले अज्ञात महिला के शव का किया था खुलासा।
  • 13 जुलाई को एसपी राहुल कुमार लोढ़ा की कोशिशों से डीडी नगर थाना बना था आईएसओ सर्टिफाइड।
  • 24 जुलाई को लुटेरी गैंग का रतलाम पुलिस ने किया था पर्दाफाश लूट के पैसों से करवाते थे सुंदरकांड  आयोजन।
  • 10 अगस्त को जावरा कोठारी ज्वैलर्स से हुई चोरी का किया था खुलासा इसमें 10 लाख की ज्वेलरी की थी बरामद।
  • 10 अगस्त को शिवगढ़ में अज्ञात महिला के मर्डर का किया था खुलासा जिसमें प्रेमी ने 3500 रुपए की उधारी न देने के लिए किया था प्रेमिका का मर्डर।
  • 26 अगस्त को कालूखेड़ा के पास ग्राम से मासूम बच्ची तन्नू के अपहरण का किया था खुलासा, बच्ची की कुएं में मिली थी लाश।
  • 8 सितंबर को एसपी की सूझबूझ से शहर में बड़ा दंगा होने से बचा था, एसपी ने खुलासा कर बताया था कि न जुलूस पर पथराव हुआ था और न गणेश जी प्रतिमा खंडित हुई थी। खंडित की बात सोशल मीडिया पर भ्रामक थी। जिसको एसपी राहुल कुमार लोढ़ा ने भ्रामक बताया था।

कौन है ये आईपीएस जो इन दिनों देश भर में सुर्खी बटोरे हुए है…?

जन्म से लेकर प्रारंभिक शिक्षा और आई पी एस बनने का सफर.…

राहुल का शुरुआती जीवन

राहुल कुमार लोढ़ा का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव  में 19 अक्टूबर 1986 में हुआ। उनके पिता एक बिजनेसमैन है और मां गृहणी है और दो छोटे भाई भी है।  उनकी प्रारंभिक शिक्षा जलगांव के ही  आर.आर स्कूल से  है। 10वी के बाद उनकी आगे की स्कूली शिक्षा पुणे के एस.पी. कॉलेज नामक एक स्कूल में हुई। पुणे के ही पीआईसीटी कॉलेज से आई.टी. से इंजीनियरिंग की। जिसके बाद उनकी नौकरी आईबीएम  कंपनी  में लग गई। लेकिन कॉलेज के समय में ही गवर्नमेंट सिस्टम में सुधार को लेकर अक्सर उनकी बहस अपने दोस्तों से होती रहती थी। जिसपर उनके दोस्त का यही कहना होता था कि अगर सरकारी  सिस्टम ही सुधारना है तो खुद सिस्टम का हिस्सा बनो।

 इसी बीच एक बार वह अकेले एक हिंदी फिल्म  युवा देखने गए जिससे वह काफी प्रेरित हुए और देश के सिस्टम को बदलने की  ठानी।  फिर इस तरह उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ सिविल सेवा की तैयारी शुरू कर दी । पहली बार में सिविल सेवा के इंटरव्यू में नाकाम होने पर भी उन्होंने हार नहीं मानी और दोबारा तैयारी शुरू कर दी। उनकी लगन और ईमानदारी के साथ की गई मेहनत रंग लाई और 2011 के परिणाम में वह आख़िरकार सफल भी हुए।

आईपीएस नहीं, आईएएस बनना चाहते थे राहुल

राहुल कुमार लोढ़ा सिस्टम को बदलना चाहते थे इस लिए उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी शुरू की थी। उनका टारगेट आई.ए.एस. बनना था, लेकिन भाग्य में कुछ ओर ही लिखा था। एग्जाम पास, इंटरव्यू क्लियर रिजल्ट घोषित और जब पोस्टिंग मिली तो आईपीएस के रूप में।  सेवा तो सेवा है, उन्होंने इसे सहजता से स्वीकार किया और जुट गए देश सेवा और सिस्टम को बदलने में।

अब राहुल आईपीएस राहुल कुमार लोढ़ा बन चुके थे। उनका लक्ष्य साफ था सिस्टम में सुधार और ईमानदारी से देश सेवा। सिस्टम में बेहतरी लाने  के लिए उनका विचार है  कि “हफ्ते में एक दिन हमे अपने परिवार को समय देना चाहिए, जिससे हम बेहतर तरीके से जन सेवा कर सके, आमजन की समस्याओं को समझ कर हल कर सकें ।”

ज़िन्दगी की कुछ अनसुनी दस्ता

जब यूपीएससी की तैयारी के दौरान हुई मोहब्बत

बात है उन दिनों की  जब राहुल अपनी सिविल सेवा की तैयारी  दिल्ली में कर रहे थे।  वहीं  कोचिंग पर राहुल  मुलाकात जोधपुर की शुभी  से हुई। राहुल और शुभी की अच्छी ट्यूनिंग थी और दोनों एक दूसरे से नोट्स भी शेयर करने लगे थे। उनकी दोस्ती लगभग दो साल चली, राहुल शुभी को पसंद करते थे और उन्होंने यह बात अपनी मां से शेयर भी की हुई थी। राहुल अपनी मां से हर बात साझा किया करते थे और वह अपनी दादी के भी लाडले थे। एग्जाम क्लियर करने के बाद उन्होंने शुभी को शादी के लिए प्रपोज़ किया।

कुछ ही दिन बाद शुभी का जवाब हां में आया। फिर क्या था राहुल ने अपनी मां को पहले ही सब कुछ बताया हुआ था। राहुल के घर वाले पहुँच गए शुभी के घर रिश्ता लेकर जब मिया बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी दोनों के घर वाले मान गए और इस तरह दोनों शादी के पवित्र बंधन में बंध गए।

राहुल कुमार लोढ़ा अपनी पत्नी और बच्चो के साथ

आई.पी.एस राहुल कुमार लोढ़ा के हैं दो बच्चे

ज़्यादातर लोग यही जानते हैं कि राहुल कुमार लोध का एक प्यारा से लड़का है जो अक्सर 26 जनवरी, 15 अगस्त के कार्यक्रमों में नज़र भी आता हैं और यही मीडिया के माध्यम से पाठकों तक पहुंचा  हैं। लेकिन बेटे के पहले उनकी एक बहुत प्यारी सी बेटी भी हैं, जो अपने भाई से ज़्यादा समझदार और सहज हैं। राहुल की बेटी का नाम शोरा हैं और बेटे का नाम शोर्य हैं।

बेटा अपने पिता की तरह आईपीएस बनना चाहता हैं, शोर्य अपनी बहन के उलट काफी चंचल स्वभाव का हैं।

One thought on “महज़ शख़्स नहीं शख़्सियत है आई.पी.एस. राहुल कुमार लोढ़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *